عمر ورسـول
كسرى |
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وراع صاحبَ كسرى أن رأى عمرا |
بـين الرعيـة عطـلا وهو راعـيهـا |
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وحسبـه بملـوك الفرس أن لهـا |
سوراً من الجنـد والأفـراس تحميهـا |
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رآه مستـغرقـاً في نـومـه فرأى |
فيـه المهـابة في أسـمى معانيـهـا |
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فوق الثرى تحت ظل الدوح مشتملاً |
ببـُردة كـاد طول العـهـد يبليهـا |
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فقـال قولـة
حق أصبحتْ مثـلاً |
وأصبح الجيـل بعـد الجيـل يرويهـا |
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أمنت لمـا
أقمت العـدل بينهـم |
فنمـت نـوم
قريـر العـين هـانيهـا |
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شرح المفردات: |
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راع |
: أدهش. |
صاحب كسرى |
: رسول كسرى إلى عمر. |
عطـلاً |
: في حـالة بسيطة لا يبدو عليها أبهة الملوك. |
راعيها |
: أميرها الذي يرعى شئونها ويد بر أمورها. |
المهـابة |
: الجـلال والوقـار. |
الثرى |
: الأرض. |
الدوحْ |
: ح دوحـة وهى الشجرة العظيمة. |
مشتمـلاً |
: مرتـديا بردة. |
بردة |
: عبـاءة أو ثوب. |
يبليها |
:
يخلقها ويفنيهـا. |
يرويها |
: يحكيهـا. |
قرير العين |
: مسرورا مرتاح البـال. |
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المناقشة: |
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س 1: ما الذي
راع رسول كسرى وأدهشه؟ |
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س 2: كيف كان
ملوك كسرى؟ |
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س 3: أين رأى
رسول كسرى عمر وكيف رآه؟ |
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س 4: ما الذي
قاله رسول كسرى عندما رأى الخليفة عمر مفترشاً الأرض ؟ |
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